हारे का सहारा बाबा श्याम के पट खुलने का दुनियाभर में श्याम भक्तों को इंतजार है। अब दर्शनों की नई व्यवस्था के साथ खाटूश्यामजी मंदिर 25 जनवरी 2023 से फ़रवरी 2023 खुलने की उम्मीद है। Daily Khatu Shyam Darshan राजस्थान के सीकर जिले के खाटू कस्बे में स्थित बाबा श्याम के मंदिर में आस्था रखने वालों के लिए खुशखबरी है। 13 नवंबर से बंद पड़े खाटूश्यामजी मंदिर के पट अब खुलने की उम्मीद जगी है। श्री श्याम मंदिर कमेटी द्वारा खाटूधाम के पट अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की वजह यहां दर्शनों समेत की अन्य कई व्यवस्थाओं को दुरस्त करना था। ऐसे में खाटूश्यामजी के पट 25 जनवरी 2023 से फ़रवरी 2023 खोले जा सकते हैं।
Daily Khatu Shyam Darshan: अब रोजाना 15 लाख भक्त कर सकेंगे बाबा श्याम के दर्शन, जानिए कब खुलेंगे कपाट?
अब दर्शनों की नई व्यवस्था के साथ खाटूश्यामजी मंदिर 25 जनवरी 2023 से फ़रवरी 2023 से खुलने की उम्मीद है। Daily Khatu Shyam Darshan राजस्थान के सीकर जिले के खाटू कस्बे में स्थित बाबा श्याम के मंदिर में आस्था रखने वालों के लिए खुशखबरी है।
एक दिन में 15 लाख को दर्शन
अब खाटूश्यामजी से खबर है कि बाबा श्याम के दर्शनों के लिए श्या भक्तों को ना घंटों तक इंतजार करना पड़ेगा और ना ही लंबी-लंबी कतार में ज्यादा देर तक खड़ा नहीं रहना पड़ेगा। श्याम मंदिर कमेटी खाटू व सीकर जिला प्रशासन ने दावा किया है कि अब खाटूश्यामजी में एक दिन में 15 लाख श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।
16 कतारों में पहुंचेंगे श्याम भक्त
दावा किया जा रहा है कि अब खाटूश्याम जी में श्याम भक्त 16 कतारों से होकर बाबा के दर्शनों के लिए पहुंचेंगे। इसके लिए मंदिर के प्रवेश और निकास मार्ग को चौड़ा किया जा रहा है। दर्शनों की ऐसी व्यवस्था करने वाला खाटूश्यामजी देश का पहला मंदिर बताया जा रहा है।
खाटू मेला स्थल से हटेंगे जिगजैक
बताया जा रहा है कि खाटूश्यामजी के मुख्य मेला मैदान के 75 फीट के रास्ते से जिगजैग व्यवस्था को हटाया जा रहा है। इसके स्थान पर अब श्याम भक्त यहीं से 16 कतारों में आगे बढ़ेंगे। इनमें से छह कतार खाटू मंदिर के सिंह द्वार के आगे से गोपीनाथ भगवान मंदिर से होकर और बाकी लाइन मंदिर कमेटी के कार्यालय के सामने से होती हुई खाटू दरबार तक जाएगी।
खाटूश्यामजी में मची थी भगदड़
इसी साल अगस्त में खाटूश्यामजी मंदिर के पास भीड़ के दबाव के चलते तीन महिला भक्तों की मौत हो गई थी। ऐसे हादसों को रोकने के लिए खाटूश्यामजी पुलिस, सीकर जिला प्रशासन व मंदिर कमेटी ने श्याम भक्तों को सुरक्षित और कम समय में बाबा श्याम के दर्शन करवाने की योजना की बनाई थी।
खाटूधाम की व्यवस्थाओं में सुधार -
-श्याम भक्तों की राह आसान करने के लिए दो सौ से ज्यादा मजदूर दिन रात काम में जुटे हैं।
- श्याम बगीची के रास्ते मुख्य दर्शन मार्ग को चालीस फीट चौड़ा कर उस पर सीसी रोड का निर्माण करवाया जा रहा।
- खाटूश्यामजी के मुख्य रास्तों पर सीसी रोड बनाने के लिए राजस्थान सरकार से चार करोड़ का बजट मिला।
- खाटू में भगवान गोपीनाथ व सिंहपोल बालाजी मंदिर को निकासी द्वार पर स्थापित किया जाएगा।
- मंदिर के कार्य के बाद लखदातार मैदान को पक्का कर उसमें जिगजैग व छाया, पानी की व्यवस्था की जाएगी।
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FAQs -
Question 1. खाटू श्याम जी मंदिर कब खुलेगा 2023?
Answer-मंदिर समिति और प्रशासन ने खाटू श्याम जी मंदिर को फिर से खोलने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है. बाबा के दर्शनाथियों को इस बार पहले से बेहतर व्यवस्था का लाभ यहां आने पर मिलेगा. इससे पहले सीकर के कलेक्टर अमित यादव ने बताया था कि 25 जनवरी 2023 और फ़रवरी 2023 के बीच मंदिर खोल दिया जाएगा.जल्द खुलेगा खाटू श्यामजी का मंदिर, खुल सकता है CM के आदेश का किया जा रहा इंतजार I
Question 2.खाटू श्याम जी के दर्शन कितने बजे से कितने बजे तक होते हैं?
Answer-
सुबह का समय | शाम का समय |
---|---|
सुबह 8:00 बजे से 9:00 बजे तक | शाम 4:00 बजे से 5:00 बजे तक |
सुबह 9:00 बजे से 10:00 बजे तक | शाम 5:00 बजे से 6:00 बजे तक |
सुबह 10:00 बजे से 11:00 बजे तक | शाम 6:00 बजे से 7:00 बजे तक |
सुबह 11:00 बजे से 12:00 बजे तक | शाम 7:00 बजे से 8:00 बजे तक |
Question 3. खाटू श्याम को हारे का सहारा क्यों कहा जाता है?
Answer-बर्बरीक से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने उन्हें अपना नाम श्याम दिया और वरदान देते हुए कहा कि कलियुग में तुम्हारी पूजा मेरे नाम से ही होगी। हारे हुए लोगों की मनोकामनाएं तुम्हारी पूजा से पूरी हो सकेंगी। श्रीकृष्ण के वरदान की वजह से खाटू श्याम जी हारे के सहारे के रूप में प्रसिद्ध हो गए।
Question4.श्याम बाबा का जन्मदिन कब है 2023?
Answer-खाटू श्याम जन्मदिन | Khatu Shyam Birthday 2023 Date | Thursday, 23 November 2023
Question 5. खाटू श्याम का पहला नाम क्या था?
Answer-श्री श्याम बाबा की अपूर्व कहानी मध्यकालीन महाभारत से आरम्भ होती है। वे पहले बर्बरीक के नाम से जाने जाते थे। वे अति बलशाली गदाधारी भीम और माता अहिलावती के पौत्र हैं। बाल्यकाल से ही वे बहुत वीर और महान योद्धा थे।
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jai shri shyam